काश कोई लौटा दे मेरे बचपन के वो दिन...........
वो मनपसंद की सब्जी ना बनने पर , खाना छोड कर एक कोने मे बेठ जाना ,
वो क्रिकेट की बॉल से बगल वाले अंकल की, खिड़की का शीशा तोड कर आना ,
और फिर पापा की मार के डर से , दोड़ कर मम्मी की गोद मे छिप जाना,
वो पतंग के लिए दोड़ना, और फिर ठोकर ख़ाकर गिर जाना ,
वो पापा का दौड कर आना और , फिर मुझे हॉस्पिटल ले जाना ,
और फिर बड़ी सी सुई को देख कर मेरा ज़ोर से चिल्लाना
काश कोई लौटा दे मेरे बचपन के वो दिन...........
वो दोस्तों कई साथ क्लास मे शरारत और मस्ती करना ,
होमे-वर्क भूल जाना और फिर दोस्त की कॉपी से नकल करना .
और फिर पकड़े जाने पर टीचर की मार का पड़ना
वो दोस्त से लड़ाई होने पर इंक-पेन की इंक दोस्त की कमीज़ कर छिड़कना.
वो चस्मा पहनने वाले दोस्त का चस्मा निकल कर भाग जाना ,
या एक टकले दोस्त के सर पर तबला बजाना.
काश कोई लौटा दे मेरे बचपन के वो दिन...........
वो बड़े भाई से खेल मे हारने पर लड़ाई करना.
या छोटी बहन की दोनो चोटी पकड़ कर खिचना.
वो दादी मां का परियों की कहानी सुनना .
वो दादा जी कई साथ सुबह-2 उठ कर सैर पर जाना.
वो तबीयत खराब होने पर भी चोरी-2 आइस-क्रीम का खाना.
काश कोई लौटा दे मेरे बचपन के वो दिन...........
I simple person who want to enjoy every second of his life...!!!
Saturday, August 1, 2009
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