I simple person who want to enjoy every second of his life...!!!

Tuesday, August 10, 2010

सचिन बिना सब सूना यारो..

सचिन बिना सब सूना यारो, सचिन बिना सब सूना।
सचिन जो खेले खेल लगे ये और सचिन न हो तो बेजान खिलौना।

सचिन जो हो तो हार न आये, और सचिन न हो तो जीत को दिल ये तरसा जाय,
सचिन जो हो तो उम्मीद बंधाये और सचिन न हो तो सब घबराए।
सचिन जो खेले जीत दिलाय, और सचिन न हो तो बस है रोना धोना.
सचिन बिना सब सूना यारो, सचिन बिना सब सूना।

सचिन बिना सब सूना यारो, सचिन बिना सब सूना।
सचिन जो खेले खेल लगे ये और सचिन हो तो बेजान खिलौना।

Tuesday, March 2, 2010



More than million idiots…Dedicated to all Software Engineers...

Sorry to all the Software Engineers, This is only for time pass. I am also a Software Engineer and I respect all Software Engineers. so don't take it personally ..just enjoy..

सारी उम्र हम, support मे रह लिए...
एक पल तो अब हमें, कुछ नया develop करने
दो, करने दो

सारी उम्र हम, support मे रह
लिए...
एक पल तो अब हमें, कुछ नया develop करने
दो, करने दो

ना ना
ना , नन्ना ना ना ना ...
ना ना
ना , नन्ना ना ना ना ...

Give me one new JSP to code,

Give me one new COBOL program to write,

Give me another chance...... ,

I wanna to do coding once again…….


Give me one new JSP to code,

Give me one new COBOL program to write,

Give me another chance...... ,

I wanna to do coding once again…….


Support के project मे तो कुछ भी आया..
और कॉपी/पेस्ट करना, तो खुद मेनेजर ने सिखाया.
हफ्ते में issue करोगे fix तो, अगले महीने मे Onsite,
और अगर एक भी issue हुआ रिजेक्ट, तो बेटा ऑफिस मे कटेगी सारी nite,

कॉपी/पेस्ट कर कर के अपना सारा टाइम और experience निकाल डाला ,
और एक छोटे से bug के चक्कर में, पूरा वीकेंड ऑफिस में बिता डाला.

कभी PST ने मारा , तो कभी CST से हारा...
बस कोडिंग को तरसता रह ये दिल बेचारा...

JAVA ही आई, COBOL के रहे,
एक पल तो अब हमें नया Code लिखने दो, लिखने दो

ना ना
ना , नन्ना ना ना ना ...
ना ना
ना , नन्ना ना ना ना ...

Give me one new JSP to code,

Give me one new COBOL program to write,

Give me another chance...... ,

I wanna to do coding once again…….

मैने तो बस सच की कहा, अब किसी के दिल पर लगी तो मे क्या करू मे तो बस यही कह सकता हूँ की दिल पर मत ले यार

Thursday, February 25, 2010

I got the answer of my Question from the GOD of Cricket..Sachin Tendulkar


Almost 3 months back, when Sachin, scored 175 run against Australia, but we had lost that match, I asked one question from the GOD..(Read last column from label ). Today I got the answer of that question from the GOD of cricket. Today, I was very happy, excited, crazy and almost on the 7,8,9 or 10th heaven (if any)....

Although I got one answer from the GOD on the same day also, when we had lost the match... that never say "why me”, only and always ask "Try me". But I am human and as per the human tendency, we don't believe on anything until unless we saw that through our own eyes, or we hear that from our own ear. So same thing was with me... I was not able to accept that answer. Although I know that Sachin has achieved lots of mile stones in his life and will also achieve many more... But still, “दिल के कोने में कहीं एक टीस थी, why always he ...why?"

How lucky I am that today I got the answer of that question directly from the GOD of cricket. He proved that GOD was right ..we should never ask "why me", only and always say "Try me" and not only I, but also millions of Sachin's fans learned that lesson. I can still clearly feel and listen one line, which Ravi Shastri told about Sachin, when he completed 200 run that "One and the only man in this planet , who scored 200 runs in one day cricket".

The great moment of my life comes when Sachin came for his man of the match award and said “This 200 is for all his fans who are supporting him from last 20 years and supporting him in every situation." I was very excited when I heard that line and that time there were tears in my eyes with joy. That time I was feeling that he is looking at me from the TV and saying "Hey Nishant .. HAPPY NOW .. you got the answer of your question. Now don't say "why me" .. always say "Try me"..

I know it is very easy to say but difficult to implement and only unique and great people can do that .. as SACHIN is doing from last 20 years .......Sachin....the Superman.

Today, He proved me wrong at one more point. In my last column I had written that 175 against Australia was his best inning, which was wrong. So this time I will not say that 200* is his best knock, even now I am waiting for his best knock and will wait till I can see bat in his hand.....

Monday, January 25, 2010


Full बकवास, Only for Time Pass

इस बार मैने सोचा, की भाई दूसरो की तो बेज़्जती तो बहुत हो गई, क्यूँ ना इस बार खुद की ही इज़्ज़त का फलुदा बेनाने की कोशिश की जाय, पर फिर ख़याल आया की भाई मे तो सिर्फ़ बड़े सुपर स्टार्स की ही धज्जियाँ उड़ा रहा था, फिर मे अपने बारे मे कैसे लिख सकता हूँ .... पर फिर सोचा की आख़िर क्युं नही.. माना की मे दुनिया के नज़र मे कुछ नही हूँ .. पर इससे क्या फ़र्क पड़ता है .. अपनी नज़र मे तो मे भी किसी सुपर स्टार से कम नही हूँ.. तो चलो इस बार अपनी ही इज़्ज़त का फलुदा बनाने की कोशिश कर के देखते है.

निशांत कुमार, एक सीनियर सॉफ्टवेर इंजिनियर जो एक मल्टिनॅशनल कंपनी मे काम करता है और पीछले 4.5 साल से Java/J2EE टेक्नालजी पर काम कर रहा है, Java की काफ़ी अच्छी नालेज है उसे और जब चाहे और जिस कंपनी का चाहे इंटरव्यू फोड़ कर जॉब चेंज कर सकता है, ऐसा हम नही कह रहे, उसका मानना है, हालाँकि सचाई उससे काफ़ी दूर है, अब उस बेचारे को क्या पता की असलियत मे तो Java का "J" भी नही आता है उसे और उससे तो अच्छा, अगर किसी पाँचवी पास को 1 महीने की ट्रैनिंग दोगे तो वो भी इससे अच्छी कोडिंग कर लेगा, वो तो एक नंबर का बेवकूफ़ आदमी है

पर कुछ भी कहो लड़का तो बहुत अच्छा है वो, और स्मार्ट भी तो कितना है, जितना स्मार्ट वो है उतना स्मार्ट तो कोई भी नही होगा दुनिया मे. और आपको पता भी है की उसकी कंपनी की सारी लड़कियाँ इस पर लाइन मारती है और ये जिसे चाहे उसे पटा सकता है. ऐसा हम नही कह रहे, ये तो उस बेचारे का सोचना है और हो भी क्युं ना, सोचने मे कौन से पैसे लगते है. अब साले को क्या पता की जितनी सड़ी हुई अकल है उतनी ही सड़ी हुई शक़्ल है उसकी. उपर से जब बॉल और दाढ़ी बढ़ा लेता है तो उसकी शक़्ल हिन्दी movie "China Gate" के डाकू “जगीरा“ से बहुत मिलती है. उसे क्या पता कितनी भयानक और डरावनी शक़्ल है उसकी, अगर वो चाहे तो बिना किसी मेकअप के किसी भी हॉरर movie मे काम कर सकता है.

पर कुछ भी कहो लड़का तो बहुत अच्छा है वो, और हाँ एक बात तो बताना भूल ही गया की कितनी अच्छी कविता लिखता है वो, हरिवंश राय बच्चन ने भी कभी इतनी अच्छी कविता नही लिखी होगी जितनी अच्छी वो लिखता है, ऐसा मे नही कह रहा ..ये तो वो सोचता है, अब उस बेचारे को कैसे बताएँ की ..जितनी सड़ी हुई शक़्ल और अकल है उतनी ही सड़ी हुई कविता लिखता है साला. वो तो हिम्मत है उसके दोस्तो की जो कॉलेज टाइम से उसकी सड़ी हुई कविताएँ को झेल रहे है और अभी तक जिंदा है. साले को क्या पता कितनी सड़ी हुई कविता लिखता है वो.. अगर उन कविताओं की किताब बनाई जाय तो एक ही दिन मे सारी बिक जाएँगी.. ये बात और है की लोग उसे पढ़ेंगे नही बल्कि अपने घर के चूहों को मारने के काम मे लेंगे.. क्यूंकी उन कविताओं को एक बार सुन कर तो चूहे भी सुसाइड कर लेंगे, इतनी सड़ी हुइ होती है वो कविताएँ....

उफ़..अब इससे ज़्यादा बुराई नही कर सकता मे अपनी .. लिखने के बाद जब खुद पढ़ा तो एक बार तो मे भी डर गया था की क्या लिख डाला यार.. पर अब लिख डाला तो डाला

मैने तो बस सच की कहा, अब अपने दिल पर लगी तो मे क्या करू मे तो बस यही कह सकता हूँ की दिल पर मत ले यार

Friday, January 22, 2010



Full बकवास, Only for Time Pass

Sorry to All the M.S. dhoni Lovers, my Intentions are not wrong, even I also like M.S. dhoni, So this is just for Time Pass...

महेंद्र सिंह धोनी, भारतीय क्रिक्रेट टीम के कप्‍तान , बहुत ही बेहतरीन क्रिकेटर है, वो बात और है की उनको धेल्ले भर की भी knowledge नही है क्रिकेट के बारे मे, वो तो BCCI का दिमाग़ खराब हो गया था वो साले तो टीम का कप्‍तान बना दिया. उसे तो 20-20 और टेस्ट मॅच का डिफरेन्स तक ठीक से पता नही है, वो क्रिकेट क्या खाक खेलेगा. 20-20 के मॅच मे साला डिफेन्स करता रहता है और टेस्ट मॅच मे साला उट-पटांग शॉट मारता है. वन डे मे तो साला टोटल कन्फ्यूज़ .. पता ही नही होता की क्या करना है साले को.

पर कुछ भी कहो, क्रिकेटर तो बहुत ही अच्छा है वो, ये बात और है की उसको ना तो बॅटिंग आती है ना कीपिंग .. किसी काम का नही है साला. ये तो शुक्र है की आजकल सहवाग,सचिन और युवराज़ पूरी फॉर्म मे है तभी तो हमारी टीम सही चल रही है वर्ना पता नही क्या होता इंडिया का. उसे इतना तक तो पता नही है की कौन सा ग्लॅप्स किस हाथ मे पहनते है, साला लेफ्ट हेंड का ग्लॅप्स राइट हेंड मे और राइट हेंड का ग्लॅप्स लेफ्ट हेंड मे पहन कर आ जाता है कीपिंग करने . वो तो भला हो स्लिप मे खड़े प्लेयर्स का जो उसे बता देते है वर्ना साला टीम की फ़ज़ीहत ही करवा दे.

पर कुछ भी कहो, क्रिकेटर तो बहुत ही अच्छा है वो, ये बात और है की बांग्लादेश, ज़िम्बाब्वे और श्रीलंका जैसी छोटी मोटी टीम को हरा कर साला खुश हो जाता है और चील्लाने लगता है की मैने अपनी captaincy मे बहुत सारे match जितवा दिए, अब उस बेचारे को क्या पता की इन छुटपुट सी टीम को तो हमारे गली मौहल्ले की टीम भी हरा दे, इसमे कौन सा तीर मार दिया साले ने. ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के सामने आते ही उसकी सीटीपिटी गुम हो जाती है, और match हारवा देता है साला, सबसे ज़्यादा मज़ा तो तब आता है जब कोई match हारने के बाद उससे पूछो की भाई आज का match क्यूँ हार गये तो साला बोलेगा की बॅट्समेन नही चले इसलिए हार गये, अबे चमन प्रसाद वो तो हमे भी दिख रहा है की बॅट्समेन नही चले इसलिए हार गये , भाई हम तो पूछ रहे है की क्युं नही चले सारे बॅट्समेन आज, और बाकी तो फिर भी कभी ना कभी चल ही जाते है तू कब चलेगा, साले कब तक captaincy की खायगा. साले इतनी ऐश तो गांगुली ने भी नही की थी captain बन कर जितनी तू कर रहा है. साले अगर तुझे captaincy से हटा दो तो तुझे 11 मे छोड़ 15 मे भी जगह नही मिलेगी.

पर कुछ भी कहो, क्रिकेटर तो बहुत ही अच्छा है वो, ये बात और है की ना तो साले तो बाटिंग आती है ना ही कीपिंग , पर हाँ कुछ भी कहो एक काम मे तो साला परफेक्ट है और वो है चिप्स और बिस्कुट का एड करने मे और खाने मे , बेटिंग और कीपिंग की प्रॅक्टीस छोड़ कर साला पूरे प्रॅक्टीस सेशन मे बस चिप्स और बिस्कुट ही खाता रहता है, खा खा कर साला सांड़ जैसा मोटा हो गया है, ना तो कीपिंग ही ढंग से कर पाता है और ना ही तेज दौड़ पाता है, उपर से जब हीटिंग का टाइम आता हे तो साला बॉंडरी के पार पहुँचना तो दूर बॉंडरी के आस पास तक भी शॉट नही मार पाता, बस बगल मे खड़े खिलाड़ी को कॅच देकर आउट हो जाता है, साले तुझसे अच्छा शॉट तो अपना सुखा सा कैफ़ ही मार लेता है.

बॅटिंग मे top १०० मे भी नही है पर लड़कीबाजी मे नंबर वन है अपना हीरो, उसका दिमाग़ क्रिकेट मे कम और दीपिका पादुकोण मे ज़्यादा लगता है, ग्राउंड मे साले से दौड़ा नही जाता पर बिपासा के साथ जूते के एड मे खूब तेज दौड़ लेता है. साले को क्रिकेट छोड़ कर नौटंकी मे ट्राइ करना चाहिए, वहाँ ज़्यादा हिट होगा साला.

मैने तो बस सच की कहा, अब उसके दिल पर लगी तो मे क्या करू मे तो बस यही कह सकता हूँ की दिल पर मत ले यार

Monday, January 18, 2010


Full बकवास, Only for Time Pass


Sorry to All the Amir Khan Lovers, my Intentions are not wrong, even I also like Amir Khan, So this is just for Time Pass...

आमिर ख़ान, बहुत ही उम्दा कलाकार है. २० साल की उम्र से फ़िल्मो मे काम कर रहे है और आज तक २० साल के ही है, ऐसा मे नही कह रहा ये उनका ही कहना है. वैसे 40 से ज़्यादा का हो चुका है फिर भी अपने आप को 20 साल का बता रहा है, आख़िर टॅलेंट है उसमे. पर्सनॅलिटी की तो बात ही मत करो सबसे अच्छी ६ pack body है उनकी ,ऐसा मे नही कह रहा ये उनका ही कहना है. वो बात अलग है की अगर खींचतान के भी नापोगे तब भी उसकी हाइट 5 फीट से ज़्यादा नही होगी और आक्टिंग मे तो वो है ही "The best". ऐसा मे नही कह रहा ये उनका ही कहना है, वो बात अलग है आक्टिंग वेक्टिंग तो उसे कुछ नही आती बस हर मूवी मे ओवेरक्टिंग करता रहता है इतनी ओवेरक्टिंग और ड्रामा तो शायद राखी सावंत भी नही करती होगी जितनी वो पीछले 20 साल से कर रहा है. अगर आपको मेरी बात पर विश्वास नही तो आगे पढ़ो अपने आप समझ जाओगे

ये बात और है की जितना बेड़ा फैंको वो है उतना बड़ा फेंको तो शैखचिल्ली भी नही रहा होगा. "तारे ज़मीन पर" हिट क्या हुई .. सबको चिल्ला-2 कर बताने लगा की मेरी movie हिट हुई है .. साले चमन प्रसाद को किसने कह दिया की वो उस movie का हीरो था .. साले उस movie का हीरो तो “Ishan” (darsheel) था .. आमिर तो हीरो के टीचर का रोल कर रहा था वो भी कॉमेडी करने के लिए. हीरो तो वो दूर-२ तक भी नही था. शरम भी नही आती साले को एक बच्चे का क्रेडिट छीनते हुए. पर कुछ भी कहो hero तो वो बहुत ही अच्छा है. पता भी है 4 साल तक बॉल और दाढ़ी बढ़ाई "मंगल पांडे" के रोल के लिये उसने, वो बात और है की पब्लिक ने 4 दिन नही लगाए उस फिल्म को फ्लॉप करने के लिये. अब उस बेचारे को क्या पता की बॉल और दाढ़ी बढ़ा कर अगर कोई हीरो बन सकता तो मेरे पड़ोसी का झभरा कुत्ता भी हीरो होता. पर कुछ भी कहो hero तो वो बहुत ही अच्छा है. लगान फिल्म हिट हुई थी तब भी बहुत खुश हो रहा था की मेरी फिल्म हिट हो गई .. अब इस बेचारे को कोई समझाए की क्रिकेट के लिए तो हम कुछ भी कर सकते है तो क्या एक सड़ी सी फिल्म नही देख सकते है अरे अगर मे अपनी गली के क्रिकेट टूर्नमेंट पर फिल्म बना दूँ तो वो भी हिट हो जयगी.. इसमे उसके होने न होने से कोई फ़र्क नही पड़ता. पर फिर भी कुछ भी कहो वो hero तो बहुत ही अच्छा है.

फिर एक movie आई थी “ग़ज़नी” .. वो हिट हुई तो फिर से वो मीडीया मे चिल्लाने लेगा की मेरी movie हिट हो गई.. अब इस पागल को कोई समझाय की भाई उस movie मे तो वो विलेन से भी ज़्यादा डरावना लग रहा था ..वो क्या खाक हिट करायगा movie को.. एक तो वैसे ही उसकी शक़ल किसी सड़े हुए टमाटर जैसी है उपर से वो बॉल मुंडा कर और आ गया और बची कूची कसर उसकी आडी तिरछी माँग ने कर दी. पूरी movie मे वो किसी हॉरर movie के भूत जैसा लग रहा था. उपर से पूरी मोविए मे ग़ज़नी-2 चिल्ला कर ओवेरक्टिंग कर रहा था. अब उस बेचारे को क्या पता की उसकी डरावनी शक़ल के डर से कितने बच्चे movie देखने नही आय ..अगर वो movie मे नही होता तो शायद और भी बड़ी हिट होती वो movie. एक नंबर का ईडियट लग रहा था उस movie मे वो. पर कुछ भी कहो hero तो बहुत अच्छा है वो… और हाँ एक बात तो भूल ही गया अभी कुछ दिन पहले एक movie आयी थी उसकी जिसने उसने बिल्कुल ओवेरक्टिंग नही की थी , वो movie थी “थ्री ईडियट्स”. Actually कोशिश तो उसमे भी की थी उसने पर उसे ज़्यादा chance नही मिला. ईडियट तो वो पहले से ही है इसलिए ईडियट का रोल वो बिना किसी ओवेरक्टिंग के कर गया. पर थोड़े दिन बाद पता चला की इसकी स्टोरी भी चुराई हुई है, साले चोरी की अलावा और कर भी क्या सकता है पर मीडीया के सामने ऐसे चिल्ला रहा था जैसे हिमालय पर बैठ कर उसने ही लिखी हो इस movie की स्टोरी , साला चोर कहीं का ...पर फिर भी कुछ भी कहो वो hero तो बहुत ही अच्छा है.

मैने तो बस सच की कहा, अब उसके दिल पर लगी तो मे क्या करू मे तो बस यही कह सकता हूँ की दिल पर मत ले यार

Friday, November 6, 2009

Difference in Attitude.."Why Me" or "Try Me" (For all Sachin fans..)



Yesterday (5th Nov 2009)…. We again lost the match against Australia in Hyderabad. We all were disappointed, we all were sad, we all were upset and we all were angry also. It was 5th match of the series and second time in this series we lost the match in crunch situation.
It was day night match and Australia bated first and scored huge total of 350/4. Few Indian fans have already given up when they saw this huge total of Australia. But some Die-Hard fans of India were still hoping that we can win this match and I was the one of them. In this match Sachin played best knock of his carrier and scored 175 runs in just 141 balls with 19 fours and 4 big sixes. In this inning he played many classical shots specially one pull shot for six on Waston’s ball and two big sixes on mid-off on Hauirtz’s balls but nobody else supported him and we lost this match in spite of his brave inning. When he got out he were only 18 runs behind and we still had 17 balls left with three wickets.
I was very disappointed because he had scored half of the total score and other 10 players could not score remaining ones. This was not the first time when he played brilliant inning for India and all gone in vain. This already happened many times when he scored runs but nobody else supported him and even other players could not score remaining 15-20 runs. So whenever this happen with Sachin I always asked to GOD that why you do all this with this great man. So yesterday also I started arguing with GOD that you again did all this with Sachin. He always played with full dedication and with full hard work and he is doing all this from last 20 yrs..This is not fair with him, GOD. Why you do all this with Sachin only, why GOD why.. “Why ONLY HE?”
GOD replied.. Cool down my son, don’t get angry, do you want to know that why all this happen with Sachin, all this happen with Sachin just because of his attitude..He has different and unique attitude. Whenever I put him in difficult or tough situation or whenever I tried to put him down, He always gets up and say, “OK Boss, you wanna test me........... no probs, I am ready – TRY ME”. But he never said “WHY ME” and that’s why he is Sachin and that’s why he got so many chances in his life. He is not a common man, my son. Ya I agree with you that sometimes it happened that when he scored but still India could not won those matches. But my son, this is smaller picture. Look at the bigger picture…….

 He is the only batsman who has scored 45 hundreds in one day cricket and out of those 45 hundred, he turned 30 matches into India's win and in cricket history no other player even get the chance to made 30 centuries in his carier,leave alone the matches won with their centuries.

 He is the only batsman who scored 100+ and 90+ in two consecutive finals against Australia in Australia and that’s why we could beat Australia in two straight finals.

 He was the only batsman who scored more than 500 runs in two world cups and that’s why we could reach up to semifinal’s and final’s.

My son, this is not the end of the story..”PICTURE ABHI BAKI HAI DOST”. He will play many more such kind of innings for India and will score many more centuries for India. So just remember one thing that never say “WHY ME”.... always ask for “TRY ME”.